
देहरादून ,,
राघव पूरे दिन भर ,, हर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर जाकर चाहत को खोज रहा था । पर उसे चाहत कहीं नहीं ,, मिल रही थी ।
राघव ने अपनी आंखें बंद ,, करते हुए कहा , तुम समझ नहीं रही हो । चाहत तुम किस मुश्किल में ,,फंसने वाली हो ।
अगर गलती से भी ,, उसे आदित्य मित्तल को तुम्हारे बारे में पता चल गया । तो ,, वह तुम्हें जान से मार देगा ।
नहीं मैं ऐसा नहीं. . . होने दे सकता हूं । जब तक रुद्राक्ष ठीक नहीं हो जाते हैं । तब तक तुम्हारा मेरे पास रहना जरूरी है ।
क्योंकि मुझे पता है । पूरा मित्तल खानदान ख्वाहिश से नफरत करता है . . . .और . . . .अपनी उसे नफरत का भड़ास वो ,, सब तुम पर ,, निकालने वाले हैं ।
बस एक बार रुद्राक्ष सर ठीक हो जाए । उसके बाद रुद्राक्ष सर पूरे परिवार से ,, लड़कर तुम्हें बचा लेंगे ।
क्योंकि पूरा मित्तल परिवार की जान बसती है । रुद्राक्ष सर में बस एक बार ,, रुद्राक्ष सर ठीक हो जाए ।
यह सोचते हुए राघव लास्ट बस स्टैंड पर देखने गया । पर उसे लास्ट बस स्टैंड पर , भी कहीं भी ,, चाहत दिखाई नहीं दी।
राघव ने अपनी आंखें बंद करते हुए ,, कहा अब एक ही रेलवे स्टेशन बचा हुआ है । यहां से ट्रेन 1 घंटे बाद निकलने वाला है ।
मुझे जल्द से जल्द ,, उसे जगह पर जाकर , उसे रेलवे स्टेशन को भी चेक करना होगा ,। हो ना हो ,, चाहत पैदल गई है । तो जाहिर सी बात है । कि ,,वह बीच-बीच में रुक रही होगी।
अगर वह उसे रेलवे स्टेशन गई ,, होगी । तो ,, चाहत अभी तक नहीं कहीं निकली होगी ।
वह ट्रेन में बैठने वाली होगी । यह सोचते हुए ,, राघव ने अपनी गाड़ी को लास्ट रेलवे स्टेशन की तरफ मोड़ दी ।।
. . . . . . . .राघव के घर पर ,, . . . . . . . . .. . . . . . ..
सनाया अपनी आंखें बंद कर सोफे पर बैठी बहुत रो रही थी । सनाया ने घड़ी में ,, समय देखते ,, हुए कहा,, सुबह से रात होने वाली है . . . . . ।।
पर अभी तक ,, राघव चाहत को लेकर नहीं आया है . . . और . . .ना ही मुझे कॉल किया है । हे भगवान हमारी चाहत को बचा लेना मैं मानती हूं । की ,,चाहत मेरी अपनी बहन नहीं है ।
पर 4 साल तक ,, उसका ख्याल रखते रखते ,,मैं कब इस बच्ची से इतना ,, प्यार करने लग गई । कि ,, मुझे समझ भी नहीं आया . . . . . . . ।
मैं उसे अपनी छोटी ,, बहन मानती हूं । प्लीज भगवान जी ,, हमारी चाहत का ख्याल रखना । उसे बचा के रखना । यह बोलते हुए ,, सनाया बहुत जोर-जोर से ,, रो रही थी ।।
. . . . . . . . . . . . .रेलवे स्टेशन ,,. . . . . . . . . . . . .
राघव आखिरी बचे हुए ,, रेलवे स्टेशन पर ,, आकर चारों तरफ चाहत को खोज रहा था . . . ..।
तभी राघव को ,, सामने वाली बोगी में ,, जाने वाली,, एक लाल कलर के कपड़े ,,पहनी हुई ,, लड़की नजर आई . . . . . .।
राघव को याद आया । कि ,, आज सुबह उसने चाहत को लाल कलर के समीज सलवार . . . .और. . . दुपट्टे में देखा था ।
यह याद आते ही ,, राघव जोर से चिल्लाया चाहत रुको . . . .।
यह आवाज सुनते ही ,, वह लाल कपड़ों वाली,, लड़की रुक गई . . . .और . . . .राघव दौड़ते हुए ,, उस लड़की के पास जा पाता । उससे पहले ही चारों ,, तरफ सब कुछ रुक गया ।
राघव हैरान हो गया । राघव के सामने अचानक से 10 से 12 बॉडीगार्ड काले कपड़ों में ,,आ गए । राघव चारों तरफ से घेरा लिया . . . . . . . . .
राघव को समझ नहीं आ रहा था । कि ,, अभी यहां पर क्या हुआ है ।।
तभी राघव ने सामने देखा ,,जहां उसे लाल कपड़े वालों लड़की की तरफ ,, एक लड़का तेजी से ,, बढ़ रहा था ।
वह . . . और . . . कोई नहीं बल्कि आदित्य मित्तल था । यह देखकर तो अब राघव की जान ही निकाली जा रही थी ।
राघव ने अपनी आंखें बंद करते हुए ,, कहा जिस शैतान से 4 साल से ,, तुम्हें बचा कर रख रहा था ।
आखिर अपनी बेवकूफी की वजह से , तुम इस शैतान के ,, चंगुल में फंस गई हो ,, चाहत ,,. . . . . . . . .
. . . . . . . . . . . . .To be continue. . . . . . . . . . . .
क्या आदित्य मित्तल सच में ,, चाहत को मार देगा ।
क्या राघव चाहत को बचा पाएगा ।



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