
एक सड़क ,,
जहां पर एक गाड़ी ,, बहुत तेजी से हवाओं से बात करते हुए चल रही थी । उस गाड़ी में ,, एक लड़की जोर से चिल्ला रही थी मैंने कहा ना ,, मैं तुमसे प्यार नहीं करती हूं । अभी के अभी गाड़ी रोको ,, रुद्राक्ष ।
लेकिन रुद्राक्ष ने ख्वाहिश का हाथ पकड़ते हुए , कहा ,, ख्वाहिश तुम मुझसे प्यार करती हो . . और. . मैं यह साबित कर कर ही रहूंगा ।।
मैं किसी भी कीमत पर तुम्हारा हाथ नहीं छोड़ने वाला हूं । आज मैं तुम्हारे यहां से ,, सबसे दूर लेकर चला जाऊंगा ।।
यह सुनकर ख्वाहिश ने गुस्से से ,, रुद्राक्ष को हाथ छुड़ाने हुए कहा ,,रुद्राक्ष तुम पूरी तरह से ,, पागल हो गए हो । मैंने कहा ना की ,,मैं तुमसे कोई प्यार नहीं करती हूं ।
रुद्राक्ष गुस्से से ,, एक हाथ से गाड़ी चला रहा था और दूसरे हाथ से ख्वाहिश का हाथ बहुत जोर से पकड़ते हुए बोला ,, मुझे पता है । तुम सिर्फ तुम मुझसे प्यार करती हो ।
तुम किसी मजबूरी में ,, यह झूठ बोल रही हो । कि ,, तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो ।।
यह सुनते ही ,, ख्वाहिश के चेहरे की रंग उड़ गए । ख्वाहिश ने अपने मन में कहा ,, रुद्राक्ष में तुम्हें नहीं बता सकती हूं ।
अगर मैं तुम्हें नहीं छोड़ा और तुम्हें धोखा नहीं दिया और अपने लिए नफरत पैदा नहीं की ,, तो वह लोग मेरी बहन ,, को मार देंगे ।
मुझे यह करना ही होगा । यह सोचते हुए , ख्वाहिश ने एक जोरदार थप्पड़ अपने दूसरे हाथ से ,, रुद्राक्ष के गाल पर मरते हुए बोली ,, रुद्राक्ष क्या तुम्हें एक बार में समझ नहीं आता है। कि ,, मैं तुमसे प्यार नहीं करती हूं ।
मैने बस तुम्हारा फायदा उठाया है ।। समझे ना ,,मैने तुमसे कभी प्यार नहीं किया है । ।
यह सुनकर रुद्राक्ष ने गुस्से में बोला ,, ख्वाहिश तुम झूठ बोल रही हो । तुम सिर्फ मुझसे ही प्यार करती हो ।।
तभी ख्वाहिश का ध्यान सामने रोड पर पड़ा । सामने का नजारा देखकर ,, ख्वाहिश के होश उड़ गए ।
ख्वाहिश ने रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए कहा , रुद्राक्ष सामने देखो ,,
रुद्राक्ष में जैसे ही सामने देखा । तो ,, एक ट्रक तेजी में ,, आकर रुद्राक्ष की गाड़ी को टक्कर मारने लगा ।
लगातार तीन चार टक्कर के बाद ,, रुद्राक्ष की गाड़ी खाई में गिर गई और उसे गाड़ी में ,, ब्लास्ट हो गया ।।।
4 साल बाद ,,
शनाया राघव की तरफ देखते हुए बोली ,, राघव कब तक आखिर तुम चाहत को इस घर में कैद कर कर रखोगे।।
आखिर आज नहीं तो , कल इस बच्ची को इस दुनिया में हमें लेकर जाना ही है .
यह सुनकर राघव ने गुस्से से सनाया की तरफ हुए कहा ,, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है । क्या रुद्राक्ष की मौत के बाद रुद्राक्ष का भाई ,, आदित्य पागलों की तरह ख्वाहिश और चाहत को ढूंढ रहा है ।
और अगर उसे पता चल गया की ,, चाहत मेरे पास है । तो ,, वह चाहत को जान से मार देगा ।।
मुझे नहीं पता । कि ,, आखिर किस मजबूरी की वजह से ख्वाहिश ने रुद्राक्ष सर को धोखा दिया था ।
पर उन सब की वजह से उन दोनों की मौत हो चुकी है और आज नहीं तो कल उसका वह पागल भाई आदित्य हमारी ,, चाहत तक पहुंच जाएगा ।
और उसकी भी जान ले लेगा । इसीलिए चाहत का इस घर में रहना ही सेफ है ।
यह सुनकर सनाया ने गुस्से में कहा ,, आखिर कब तक उस , बच्ची को कैद कर कर रखोगे ,।
पिछले 4 साल से ,, उसे बाहर की दुनिया भी नहीं देखी है आज नहीं तो ,, कल चाहत इस घर से भाग जाएगी ।
यह सुनकर राघव ने एक जोरदार थप्पड़ शनाया के गाल पर मरते हुए कहा ,, अगर तुम सोच रही हो । सनाया कि तुम चाहत को इस घर से भगाओगी ।
तो ऐसा कभी नहीं होगा । मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा । क्योंकि चाहत जब तक इस घर में है । तब तक ही चाहत सेफ है ।।
अगर उसे आदित्य मित्तल को पता चल गया । की ,, चाहत कहां है । तो ,, वह 1 मिनट भी नहीं लगाएगा और हमारी मासूम चाहत को जान से मार देगा ।
सनाया की आंखों में आंसू थे । सनाया ने राघव की तरफ देखते हुए कहा ,, राघव क्या तुम अभी भी आदित्य सर और रुद्राक्ष सर की तरफदारी नहीं कर रहे हो ।
यह सुनकर राघव ने कहा तुम्हें पता है । कि ,, मैं रुद्राक्ष सर के साथ कई सालों से कम कर रहा था । मैं उनका असिस्टेंट हुआ करता था ।
अगर सच में रुद्राक्ष सर जीवित है । आज नहीं तो ,, कल वह वापस लेकर वापस लौट कर आएंगे और उन्हें हमेशा के लिए ख्वाहिश चाहिए होगी ।
वह ख्वाहिश के पीछे पूरे ,, पागल थे और चाहत ही वह है । डोर है ,, जो ख्वाहिश और रुद्राक्ष सर को मिलवा सकती है ।
यह सुन बोलकर राघव वहां से जाने लगा । तभी सनाया ने गुस्से में कहा ,, झूठ मत बोलो ,, क्योंकि मुझे भी पता है । कि ,, रुद्राक्ष सर कभी मरे नहीं है बल्कि उसे तुम ही ने कहीं छुपा कर रखा है ।
पर तुम यह सब क्यों कर रहे हो । मुझे नहीं पता ,, पर एक बात याद रखना । कहीं ऐसा ना ,, हो । कि उन दोनों की जान चली जाए ।
क्योंकि ,, आखिर जिसने भी 4 साल पहले ,, उन्हें मारने की कोशिश की , थी । आज नहीं तो कल उन तक पहुंची जाएंगे ।
यह सुनकर राघव की मुठिया उसके फोन पर कस गए । राघव ने गुस्से में कहा ,, सनाया आखिर मेरे सर्व का कितना इम्तिहान लोगी ।
तुम्हें पता है। कि ,, मैं अपने जीते जी तो ,, चाहत को कुछ नहीं होने दूंगा । यह बोलते हुए ,, राघव गुस्से से ,, अपने कमरे की तरफ चला गया ।।
राघव के जाने के बाद सनाया , बहुत जोर से रोते हुए ,,फ्लोर पर गिर गई . . . . और. . . बोली आखिर क्यों ,, नहीं समझ रहे हो । राघव आज नहीं तो ,, कल चाहत यहां से ,, भाग जाएगी ।।
To be continue. . . . .
आखिर
राघव और सनाया चाहत को ,, किस तूफान से बचाने के लिए ,, उसे कैद कर कर रख रहे हैं ।।
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