
गणेश जी ने अपने बड़े भाई से बात करने के बाद फोन अपने जेब में रखा और किसी को कॉल करते हुए कहा मैं एक एड्रेस दे रहा हूं ।
एड्रेस पर जाओ और क्या करना है तुम्हें सब पता चल जाएगा यह बोलकर गणेश जी ने अपना फोन वापस अपने जेब में रख लिया।
अभिमान गुस्से में अस्पताल से बाहर निकलते हुए बोला जिसकी वजह से भी मेरी बहन की यह हालत हुई है अगर वह तुम हुई ना ,,
रेहा तो तुम्हारी जिंदगी तो बर्बाद कर कर ही मैं रहूंगा देखता हूं तुम्हें मेरे केहर से कौन बचाता है यह बोलकर अभिमान बाहर चला गया अभिमान अपनी कर में बैठा और ड्राइविंग स्टार्ट कर दी।
वह कुछ दूर गया ही था कि उसकी कर के आगे एक और कर आ गई यह कर और किसी की नहीं बल्कि बिजनेस टाइकून मिस्टर देसाई की थी जो दिव्या देसाई के पापा थे अभिमान ने जब दिव्या के पापा को देखा तो जल्दी से कार के बाहर आ गया।
दिव्या के पापा ने जब अभिमान को देखा तो वह भी कार से बाहर आ गए और अभिमान को देखते हुए बोले अभिमान मेरी बेटी को क्या हुआ है ।
आज तो उसकी शादी थी हम घर में तैयार कर रहे थे पता नहीं वह क्यों घर से बाहर गई थी और हमें अभी न्यूज़ में देखा कि उसकी डेथ हो गई है बेटा यह सब कैसे हुआ।
मुझे नहीं पता मिस्टर देसाई यह सब कैसे हुआ और कैसे सौम्या वहां पर पहुंची पर दिव्या के साथ सौम्य भी ऊपर से नीचे गिरी थी मेरे असिस्टेंट की ही कार पर गिरी थी ।
मेरे असिस्टेंट पर देखा तो दोनों को अस्पताल लेकर आया था जब मैं हॉस्पिटल आया तब तक दिव्या की मौत हो चुकी थी और मेरी सौम्या का ऑपरेशन चल रहा था।
बेटा हमने न्यूज़ में देखा है कि उसे लड़की रेहा ा ने हमारी बेटी दिव्या को छत से धक्का दिया है ऐसा न्यूज़ दिखा रहा है क्या बेटा यह न्यूज़ सच है।
मुझे नहीं पता मिस्टर देसाई की यह बात सच है या नहीं और मुझे भी लग रहा है कि इन सब के पीछे उसे लड़की रेहा का हाथ है अगर उसे लड़की ने सच में कुछ किया है तो मैं कसम खाता हूं दिव्या की और अपने प्यार की मैं उसे लड़की को मौत से भी बुरी सजा दूंगा।
तभी दिव्या की मां ने कार से बाहर आते हुए कहा अभिमान बेटा तुम उसे लड़की को मत छोड़ना जिसकी वजह से हमारी बेटी इस दुनिया में नहीं रही उसे सजा दिलवाने मेरे बेटे यह बोलकर वह रोने लगी।
अभिमान दिव्या के मा की तरफ जाते हुए बोला आंटी मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं दिव्या की कातिल उसे लड़की रेहा को जिनकी जहन्नुम से पत्थर कर दूंगा उसे सजा कानून नहीं बल्कि मैं दूंगा यह बोलकर वह अपनी गाड़ी में वापस बैठकर वहां से चला गया।
दिव्या की मां ने अपने आंसू पूछते हुए कहा मुझे पूरा यकीन है अभिमान हमारी बेटी के मौत का बदला जरूर लगा हॉस्पिटल की तरफ जाने लगी।
दिव्या के पापा को कुछ समझ नहीं आ रहा था अभी उसकी बीवी इतना रो रही थी और एक पल में ही वह चुप कैसे हो गई।
उन्होंने अपने दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं डाला क्योंकि वह पहले से ही बहुत परेशान थे उनकी इकलौती बेटी दिव्या की मौत हो गई थी वह भी अस्पताल के अंदर चले गए।
जेल में
रेहा पुलिस ऑफिसर को घूरे जा रही थी पुलिस ऑफिसर्स में रेहा की तरफ देखकर कहा अगर तुम्हें कुछ बोलना है तो बोल दो यू इस तरह से मुझे देखना बंद करो तुम मुझे इस तरह से देख रही हो जैसे मुजरिम तुम नहीं मैं हूं।
रेहा ने पुलिस ऑफिसर को देखते हुए कहा मैं मुझे नहीं हूं ऑफिसर और यह बात चल साबित हो जाएगी मुझे पूरा यकीन है मेरे चाचू यह बात साबित कर देंगे कि मैं कुछ नहीं किया है।
यह सब बात छोड़िए ऑफिसर मुझे आपसे एक काम था आप जरा हॉस्पिटल में पता कीजिए ना मेरी फ्रेंड्स सौम्या को होश आया है कि नहीं वह सारा सच्चाई जानती है ।
वह अभिमान और पूरी दुनिया को साड़ी सच्चाई बता देगी प्लीज ऑफिसर जरा पता कीजिए ना यह मेरी जिंदगी और मौत का सवाल है यह बोलकर रेहा मासूम चेहरा बनाकर पुलिस ऑफिसर को देखने लगी।
पुलिस ऑफिसर ने भी अस्पताल में जो पुलिस को तैनात किया था सौम्या की देखरेख के लिए उन्हें कॉल कर कर पूछा कि सौम्या राजपूत की तबीयत अब कैसी है।
अस्पताल में तैनात पुलिस ऑफिसर की टीम ने यह बात बता दी की सौम्या अब कोमा में जा चुकी है तो हम उसका बयान नहीं ले पाएंगे तो हम पुलिस स्टेशन वापस आ रहे हैं।
पुलिस ऑफिसर ने उन्हें वापस आने की परमिशन दे दी और फोन रखते हुए नेहा की तरफ देखकर कहा आपकी आखरी उम्मीद का भी कोई ठिकाना नहीं है रेहा ।
क्योंकि आपने जिससे अपनी आखिरी उम्मीद रखी थी सौम्या राजपूत अब कोमा में जा चुकी है पता नहीं वह कब होश में आएगी और कब सारा सच बताएगी ।
रेहा ने जब यह बात सुनी की सौम्या कोमा में चली गई है वह रोने लगी और बोली तुम ही तो मेरी एक बेस्ट फ्रेंड थी जो सब सच्चाई जानती थी अगर तुम होश में नहीं आई तो मुझे देखना कौन साबित करेगा प्लीज सौम्या होश में आ जाओ मुझे तुम्हारी जरूरत है।
तुमने मुझे बचपन में प्रॉमिस किया था मुझे तब जब भी तुम्हारी जरूरत होगी तुम मेरी मदद करोगी तुम मुझे छोड़कर जो कोमा में सो नहीं सकती हो यह बोलकर रेहा रोने लगी।
तभी पीछे से आवाज आई अपने आंसू संभाल कर रखो रेहा यह आंसू तब काम आएंगे जब तुम्हारी जिंदगी मौत से भी बुरी हो जाएगी तुम्हारी जिंदगी जहन्नुम की तरफ हो जाएगी तब तुम चाह कर भी अपने आंसू रोक नहीं पाओगी तुम रोज तिल तिल कर मरोगी और अपने लिए मौत मांगूंगी पर तुम्हें मौत भी नहीं मिलेगी।
रेहा ने जब यह आवाज सुनी तो उसने अपना चेहरा ऊपर की ओर किया सामने वाले इंसान को देखकर वह रोते हुए बोली प्लीज़ आप ऐसा मत बोलिए।
कंटिन्यू ,, आखिर कौन है रेहा के सामने?
क्या होगा अब रेहा की जिंदगी का ,,
कौन बचाएगा रेहा को अभिमान के कहर से क्या अभिमान कर देगा रेहा की जिंदगी को बर्बाद?
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